नोएडा। किसी भी हाईराइज सोसायटी में रहते हैं और वहां के बेसमेंट में लगातार पानी भरा रहता है तो यह खतरे से खाली नहीं है। इससे न सिर्फ आपकी इमारत की नींव कमजोर हो रही है, बल्कि दीवारों में फैलने वाले सीलन से पिलर को भी नुकसान पहुंचता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ऐसी बिल्डिंग की लाइफ 15-20 साल कम हो जाती है। अगर समय रहते बेसमेंट में भरे पानी की समस्या को कंट्रोल नहीं किया गया तो आपकी बिल्डिंग भी शाहबेरी की तरह गिर सकती है।
ग्रेटर नोएडा स्थित प्लूमेरिया गार्डन सोसायटी के बेसमेंट की दीवार रविवार को गिर गई। इस घटना ने अवैध बिल्डिंगों के साथ-साथ हाईराइज सोसायटीज की कंस्ट्रक्शन क्वॉलिटी पर तो सवाल खड़ा कर ही दिया है, साथ ही बेसमेंट में पानी भरे रहने से बिल्डिंग पर पड़ रहे असर से लोग डरे भी हुए हैं। ऐसे में 7X ज़ोन ने शहर के कई ऐसी हाईराइज सोसायटीज की पड़ताल की जहां बेसमेंट में पानी भरे रहने से दीवारों से लेकर पिलर्स तक डैमेज होने लगे हैं। जानकारों की मानें तो अगर समय रहते इन बिल्डिंग में जल-भराव की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
सेठी मैक्स रॉयल सेक्टर-76 : यहां करीब 450 परिवार रहते हैं। पिछले 3 साल से पूरे बेसमेंट में पानी भरा रहता है। यहां का सीवरेज सिस्टम डैमेज है, बिना बरसात के बी हमेशा पानी भरा रहता है। बेसमेंट की दीवारों में दरार है। बिल्डिंग कमजोर होने के साथ ही पूरा इलेक्ट्रीसिटी सिस्टम में किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
आम्रपाली प्रिंसले, सेक्टर-45 : यहां 1200 परिवार रहते हैं। बेसमेंट में हमेशा पानी भरा रहता है। सीवेज की पूरा सिस्टम लीकेज है। दीवारों में दरार है। पिलर डैमेज हो रहे हैं। पिछले तीन साल से यही हाल है। बदबु के मारे बेसमेंट में लोग खड़े नहीं हो पाते। बिल्डिंग कमजोर हो रही है लोग दहशत में हैं।
सुपरटेक कैपटाउन-सेक्टर-74 : पूरे बेसमेंट में घुटनों तक पानी भरा रहता है। यहां भी कई पिलर में दरार आ गई है। फायर सिस्टम, इलेक्ट्रीसिटी सिस्टम डैमेज हो रहा है। घुटनों तक पानी में चलकर लोग अपने वाहन खड़े करते हैं। पूरे बेसमेंट में सीपेज की सीपेज है।
प्रतीक विस्टेरिया-सेक्टर-77 : यहां सीवरेज सिस्टम फेल हो चुका है। सीवरेज की गंदगी बेसमेंट और बगल के पार्क में खुलेआम बह रही है। दीवारों में दरार है। बेसमेंट की छत डैमेज होने लगी। पाइप गल रहे हैं। बिल्डिंग की नींव कमजोर हो रही है।
आम्रपाली सिलिकॉन सिटी, सेक्टर-76 : यहां दो साल से ही लोगों ने रहना शुरू किया है। सीपेज से दीवारें डैमेज होने लगीं हैं। पिलरों से रेत झड़ रहा है। घुटनों तक पानी में लोग वाहन खड़े करते हैं। सीपेज से फायर फाइटिंग के पाइप गलने लगें है।
द हाईड पार्क सेक्टर 78 : यहाँ करीब 5 साल लोग रह रहे हैं और आज की तारीख में यहाँ करीब 1800 से 2000 लोग रह रहे हैं। यहाँ हर वक़्त बेसमेंट में कहीं न कहीं फायर लाइन से पानी बहता रहता है। हर जगह से कुछ न कुछ बेसमेंट में लीकेज रहता ही है। पिछली हर बारिश में बेसमेंट में घुटने तक पानी भर जाता रहा है। यहाँ बेसमेंट के साथ कई फ्लैट में आज सीपेज है।
अगर विशेषज्ञ की मानें तो हाईराइज बिल्डिंग की लाइफ औसतन 50-60 साल मानी जाती है। इस तरह बेसमेंट में पानी भरने से बिल्डिंग का बेस कमजोर हो रहा है। बिल्डिंग की लाइफ 15-20 साल कम हो रही है। कभी भी हादसा हो सकता है। इसके बावजूद तमाम एेसी तकनीक मार्केट में मौजूद हैं जिन्हें बिल्डर भी जानते हैं वह चाहें तो इस समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन पैसे का खर्च तो करना ही पड़ेगा।



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