नोएडा. आम्रपाली के बायर्स के लिए शीर्ष अदालत ने राहत भरी खबर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रजिस्ट्री खोलने का निर्देश दिया है। त्रिपक्षीय रजिस्ट्री होने के चलते प्राधिकरण ने अब तक रजिस्ट्री की अनुमति नहीं दी थी, उसे बकाए की चिंता थी। लेकिन शीर्ष अदालत स्पष्ट कहा कि तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्री खोली जाए। इससे नोएडा में करीब 10 हजार होम बायर्स को मालिकाना हक मिल सकेगा। अब तक बायर्स को फ्लैटों पर कब्जा तो मिल गया था लेकिन रजिस्ट्री नहीं हो सकी थी। इसकी वजह बिल्डर पर प्राधिकरण का 2200 करोड़ रुपए बकाया होना है। बहराल शीर्ष अदालत ने पहले आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि प्राधिकरण बकाया वसूलते रहें लेकिन मकानों पर पहला हक बायर्स का है। ऐसे में रजिस्ट्री शुरू की जाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि रजिस्ट्री खोलने में किसी तरह की आनाकानी या देर की गई। यही नहीं बायर्स को परेशानी हुई तो संबंधित अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा। यह आदेश नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिए है। बता दें 2009 में बायर्स ने घर बुक कराए थे। जिसमें महज 10 हजार लोगों को ही फ्लैट पर कब्जा मिल सका है। लेकिन मालिकाना हक अब तक नहीं मिला। ऐसे में जल्द ही रजिस्ट्री खोलने के लिए कहा है।
आम्रपाली की नोएडा में परियोजनाएं व प्राधिकरण का बकाया
सेक्टर परियोजना क्षेत्रफल(वर्ग मी.) बकाया (करोड़ रु.)
सेक्टर-119 आम्रपाली पटेल प्लेटिनम 55,000 200
सेक्टर-45 सफायार (प्रथम) 40,000 200
सेक्टर-45 सफायर (सेंकड) 51,000 250
सेक्टर-50 इडेन पाक 12,000 45
सेक्टर-120 लोरियल 70,000 370
सेक्टर-76 सिलिकॉन 1.75 लाख 680
सेक्टर-76 प्रिंसले स्ट 60,000 200
सेक्टर-107 थ्री प्लेटनिम 30,000 50
सेक्टर-107 पेबल्स 40,000 90


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